Friday, June 4, 2010

मौसम का मिजाज हुआ ठंडा

आगरा ०४\०६\२०१० आंधी और पानी तबाही ही नहीं राहत भी पहुचाते है | महानगर में गुरुवार को ऐसा ही महसूस किया गया | दोपहर एक बजे के आसपास मौसम बेचैन करने लगा था | एक घटे बाद धूल भरी हवाओं ने शहर को आगोश में ले लिया था | कुछ देर में मोटी बूंदे गिरने लगी | इसके बाद तो मोसम हिल स्टेशन के जेसा हो गया | तीन दिनों में आसमान से जो आग बरस रही थे ,पानी की बूंदों ने उन्हें  ठंडा कर दिया | लोगों ने राहत महसूस की | चार दिन से थे गर्मी  तीन चार दिनों से महानगर तेज ज्वर में तड़प रहा था | गर्मी से लोग त्राही त्राही कर रहे थे | बाहर से ताज घूमने आये सेलानी पछता रहे थे | लोग घरों में दुबक गए थे | बिजली कटोती शहर वासियों पर गाज बनकर गिर रही थी | रातें गर्म हो चली थी | मिल गई राहत  गुरुवार को इससे राहत मिली | दुसरे पहर ऐसी आंधी और बारिश आई कि लोगों की बाछे खिल गई | आम दिनों में जिस आंधी से लोगों खिड़की ,दरवाजे और छपर सँभालने लगते थे | गुरुवार को ठंडी हवाओं के साथ आई धूल भरी इन्ही हवाओं का लोगों ने इस्तकबाल किया | आंधी तेज थी , लेकिन बारिश की बूदो ने मिट्टी को दबा दिया | एक घंटे की आंधी बारिश ने मौसम में नमी पैदा कर दी | ठंडी हवाओं के ठहरने के बाद बारिश का सिलसिला जरी रहा |

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