आगरा २७\०५\२०१० बेशक अंत में कामयाबी ही मायने रखती है | लेकिन सबसे बड़ी सफलता वही है , जो इतिहास रच दे | जेसा कि आगरा के काशी काजी ने कर दिखाया | काशी एक राजमिस्त्री का बेटा है | जो उसके लिए मंहगी कोचिंग तो दूर सामान्य पढाई का खर्चा भी वहन नहीं कर सकता | मगर काशी की लगन और प्रतिभा से प्रभावित होकर गुरुजनों ने उसकी पढाई का खर्चा उठाया और यह लाल पहले ही प्रयास में आई आई टी में २०२ वी रेंक ले आया |
काशी काजी मूल रूप से पटना का रहने वाला है | दसवी तक पढाई उसने पटना से ही की | आगरा के राम चन्द्र बजारी स्कूल से उसने इसी साल अस्सी प्रतिशत के साथ १२ वी पास की | काशी के पिता रजिस्टार काजी मजदूरी करते है | माँ हाउस वाइफ है | परिवार में दो भाई है और वे भी मजदूरी करते है | काशी कभी पापा से मिलने साईट पर जाता था तो वहा इन्जीनियरो के काम को बड़े गौर से देखता था वही उसने इन्जीनियर बनने का फेसला कर लिया था |
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