Saturday, June 5, 2010

इस बार साइबेरिया नहीं गये फ्लेमिंगो || agra hindi news||

AGRA HINDI NEWS
आज की सबसे हैरान परेशान करने वाली खबर!!!-

जून की इस भीषण गर्मी में साइबेरियन पक्षियों का दल अचानक वापस लौट आया है! आमतौर पर ये पक्षी सर्दियाँ खत्म होते ही साइबेरिया लौट जाते हैं और अगली सर्दियों में ही वापस आते हैं | पर इस बार जून क महीने में भी फ्लेमिंगो पक्षियों को चम्बल नदी की तपती रेत पर देखा जा रहा है | सबसे बड़ी चिंता तो ये है कि क्या इतनी भीषण गर्मी में यह ठन्डे प्रदेशो के रहने वाले जीव जीवित रह पायेंगे???

साइबेरियन पक्षियों कि साइबेरिया वपस ना जाने कि वजह ग्लोबल वार्मिंग भी हो सकती है| वन विभाग क अनुसार यहाँ से मार्च के महीने में वापस जाने  वाले पक्षी शायद पानी कि तलाश में भटक रहे होंगे, और कहीं भी पानी ना मिलने कि दशा में इन्होने फ्हिर से चम्बल जाने का निश्चय किया होगा |
    बहरहाल कारण कोई भी हो, साइबेरियन फ्लेमिंगो के लिए यह बेहद नाज़ुक हालात हैं , चम्बल में भी पानी कि कमी होती जा रही है, ऐसे में यह पक्षी इस गर्मी में जीवित कैसे रह पाएंगे ये सोचने का विषय है | 

आगरा के जूता उद्योग से अमेरिका बौखलाया

AGRA HINDI NEWS 5 JUNE 2010

आगरा का जूता उद्योग ने जिस तेजी से पूरे विश्व में अपनी धाक जमाई है,लगता है उससे अमेरिका बौखला गया है | भारतीय जूता उद्योग के कदमों को रोकने क लिए अब अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मुहीम छेड़ी जा रही है|

अमेरिका  के श्रम विभाग ने हाल ही में जारी एक रिपोर्ट में कहा है कि भारत में आगरा और कानपुर जैसे कई शहरों में जूता उद्योग में बाल श्रमिक काम कर रहे हैं| दरअसल भारतीय जूता उद्योग ने अपने उम्दा उत्पादों के बूते पर मंदी के भयंकर तूफ़ान में भी 15   फीसदी से भी अधिक कि वृद्धि दर्ज दर्ज की है | 

      बस इसी वृद्धि से तिलमिलाए हुए अमेरिकी उप महाद्वीप के देशो ने नयी चाल चली है | अमेरिकी  श्रम विभाग ने भारतीय चमड़ा उत्पादों को उस सूची में शामिल किया है जिसे ब्यूरो आफ इंटरनॅशनल लेबर अफेयर्स ने बाल श्रम या दबाव श्रम से उत्पादित मन है| इससे भारत के जूट उद्योग पर विपरीत असर पड़ सकता है|

इसका जवाब देने के लिए काउंसिल फॉर लेदर एक्सपोर्ट ने तयारी शुरू कर दी है |