30\06\2010 AGRA HINDI NEWS
यंहा भी वीरप्पन मौजूद है ? यदि नहीं तो आखिर यूके लिटिप्स के पेड़ कंहा जा रहे है ? वन चेतना केंद्र से आईएसबीटी तक पांच सौ ज्यादा हरे पेड़ों को जमीन निगल गई या आसमान ? शायद वन विभाग के पास इन सवालों का जवाब नहीं है | हरे पेड़ों के सीने पर आरी चलती है तब अधिकारी और अधीनस्थ कर्मचारी ऑंखें मूंद कर फाइल वर्क में व्यस्त हो जाते है | यह फाइल वर्क आंकड़ों पर आधारित और सच्चाई से कोसो दूर होता है |
खंदारी चोराहा स्थित वन चेतना केंद्र से गुरुद्वारा गुरु के ताल के पास की जगह वन विभाग के अधीन आती है | डबल फाटक के पास विभाग की नर्सरी है और यंहा अधिकारियों का आना जाना रहता है | गेलाना रोड कार्यालय में अधिकारी हरियाली के लिए लाखों का बजट बनाते है इसके बावजूद उनकी नाक के नीचे वन माफिया हरियाली को तबाह और तहस नहस करने पर आमदा है | हाइवे पर सड़क किनारे पर लगे पेड़ो का छोड़ अंदर का ज्यादातर हिस्सा अवैध कटान करने वालों के कारण वीराना हो गया है | हर रोज ट्रेक्टर -ट्रोली मे हरे पेड़ों को काट कर बाज़ार में बेचा जा रहा है | आंकड़ों पर गौर करे तो यंहा से करीब पांच सौ ज्यादा पेड़ गायब हो चुके है | कामनवेल्थ गेम्स के कारण हाइवे को हरियाली और स्वच्छता से भरपूर बनाने की कोशिश चल रही है, लेकिन अवैध कटान करने वालों पर शिकंजा कसने का कोई इंतजाम नहीं है |
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