26\06\2010 AGRA HINDI NEWS
शाहजंहा के ताजमहल से विशव प्रसिद्ध ताज नगरी मे उसी दौर की चीनी नीले टाइल्स जड़ी बेजोड़ इमारत चीनी का रोजा पूर्ण रूप से जर्जर है | कभी सूरज की रोशनी पड़ने पर दूर से चमकने वाले इस सरंक्षित स्मारक की ' चांदनी ' लुप्त हो चुकी है पुरात्तव विभाग शहर के अन्य असरंक्षित स्मारकों को अपने सरंक्षण मे लेने की कवायद कर रहा है | जबकि उसके द्वारा पहले से सरंक्षित इमारते बुरे हाल मे है |
जुए का अड्डा बना स्मारक
इमारत में कोई रोक - टोक करने वाला नहीं है अराजक तत्वों का जमघट यंहा खुलेआम जुआ खेलते है | ये लोग कुछ हिस्सों पर ही बचे नीले टाइल्स को भी नुकशान पहुंचाते है | किसी का कोई नियंत्रण नहीं है | स्मारक के पास स्थित नस्ररियों मे खाद डालने वाले भी यंही सुस्ताते है | पर्यटक तो भूले से भी यंहा नहीं पहुँच पाता | 10 साल पहले पुरातत्व विभाग ने इसका निर्माण कराया था |
इतिहास
राज किशोर राजे के अनुसार यमुना के बायं किनारे पर स्थित चीनी का रोजा मे शाहजंहा का वजीर अफजल खां अल्लामी सपत्नीक दफ़न है ज्यामितीय नमूनों से सजी इस इमारत के केन्द्रीय कक्ष में सुंदर चित्रकारी का काम था | पूर्वोतर कोने पर बना कुआ अब बंद पड़ा है | उतर पूर्व कोने मे बलुए पत्थरों से बनी छतरी है | पठान पद्धति अनुसार बना गुम्बद है | 30 साल पहले तक यह स्मारक चमकता था |
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