18\06\2010 AGRA HINDI NEWS
रोटी की जंग हारे परिवार को नहीं पता कि कल क्या होगा | उसे तो भयानक वर्तमान दिख रहा है |, जिससे एक तरफ घर में आटे वाला कनस्तर खाली है और दुसरी तरफ उसके बेटे की लाश पडी है जो उस कनस्तर को भरने की लड़ाई में हार गया एत्माद्दौला के सुशील नगर में घर के आसपास भीड़ है जो किस प्रकार हुआ, अरे ये क्या हुआ और अब क्या होगा | जैसे सवाल पूछती है | जवाब ही नहीं मिलता इसलिए सारे सवाल ही रह जाते है | विधवा माँ हर सवाल पर सिर्फ रोती है और जवान बेटे कुलदीप के शव को बेबस होकर निहारती है | लोगों कि समझ में नहीं आ रहा है | कि आखिर अब कैसे माँ अंजली और उसके दो बच्चों का पेट भरेगा | यही सवाल पूरे मोहल्ले को रुलाता है |
मजदूरी करने के बावजूद परिवार का भरण पोषण नहीं कर पा रहे कुलदीप ने फांसी लगा ली थी | बुधवार शाम घर में आटा नहीं देख वह विचलित हुआ था | उसके कदम से न सिर्फ परिवार बल्कि आसपास के लोग भी सकते में है | उनका कहना है कि कुलदीप ने यदि एक बार भी माँ और बच्चों की ओर देखा होता तो शायद यह कदम नहीं उठाता | अब इस परिवार के सामने हाथ फेलाने के आलावा कोई चारा नहीं है | वहीं घर में कोई बड़ा व्यक्ती नही होने से असुरक्षा की भावना हो गई है दुसरी ओर माँ अंजली का रो रोकर बुरा हाल है | पुत्र के गम में उसकी आंखें पथरा गई है उसका कहना है कि जब उसका पुत्र ही नहीं रहा तो वो जी कर क्या करेगी | हालात इतने विकट थे कि लोग काफी समझाने में लगे हुय है |
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